मेरी पत्नी ने मेरे तथा मेरी मां के विरुद्ध घरेलू हिंसा का केस दर्ज किया था जो कि न्यायालय द्वारा 5 फरवरी 2020 को खारिज कर दिया गया है. इसके पश्चात मेरी पत्नी ने अपने मायके जाकर धारा 125 के अंतर्गत भरण पोषण का दावा किया है. मेरी पत्नी शैक्षणिक रूप से सक्षम है तो क्या मुझे 125 के अंतर्गत भरण पोषण देना होगा?
Question from: Madhya Pradesh
पत्नी धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत भरण पोषण का दावा कर सकती है यदि वह अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ है. जैसा कि आपने कहा है कि आपकी पत्नी शैक्षणिक रूप से सक्षम है तो मात्र इस आधार पर पति भरण पोषण से मुक्त नहीं हो जाता है. यह पति का परम दायित्व है कि वह अपने पत्नी का भरण पोषण करें. विवाह के पश्चात पति ही उसका नैसर्गिक संरक्षक होता है. यदि पति भरण पोषण करने में सक्षम है फिर भी जानबूझकर भरण पोषण करने में उपेक्षा करता है तो पत्नी धारा 125 के अंतर्गत भरण-पोषण की मांग कर सकती है.
यदि पत्नी शैक्षणिक रूप से सक्षम है और कोई नौकरी कर रही है जिससे उसका भरण पोषण हो जा रहा है तो पत्नी को भरण-पोषण की मांग करने का अधिकार नहीं है. आपके मामले में आपकी पत्नी मात्र शैक्षणिक रूप से सक्षम है परंतु वह कोई नौकरी नहीं कर रही है या उसके पास आय का कोई साधन नहीं है. ऐसी स्थिति में आपको भरण-पोषण करना पड़ेगा. यदि पत्नी को पति से अलग रहने का पर्याप्त कारण है तभी वह धारा 125 के अंतर्गत भरण पोषण का मांग कर सकती है.
आपने कहा है कि आपकी पत्नी ने आपके व आपके मां के विरुद्ध घरेलू हिंसा का केस दर्ज किया था जो कि खारिज कर दिया गया है. यदि आपकी पत्नी ने इस आदेश के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं किया है तो यह प्रदर्शित करता है कि आपकी पत्नी ने आपके विरुद्ध एक झूठा मुकदमा किया था. यदि पत्नी झूठा मुकदमा करती है, पति को परेशान करती है या पत्नी धर्म का पालन नहीं करती तो उसे भरण पोषण का अधिकार नहीं रहता है. पत्नी उसी अवस्था में भरण पोषण का मांग कर सकती है जब वह अपने दायित्वों का पालन करती है परंतु पति पर्याप्त संसाधन होते हुए भी पत्नी का भरण पोषण करने से इनकार करता है.
आप निम्नलिखित परिस्थितियों में भरण-पोषण करने के दायित्व से मुक्त हो जाएंगे. यदि इस मामले में आपके पत्नी की गलती है फिर भी आप अपनी पत्नी को साथ रखने को तैयार हैं तो न्यायालय भरण पोषण का आदेश नहीं करेगा. पत्नी द्वारा झूठा मुकदमा करना एवं अपने मायके चले जाना उसके आचरण को संदिग्ध बनाता है, यह प्रदर्शित करता है कि वह बिना किसी उचित कारण के अपने पति से अलग रह रही है. ऐसी स्थिति में धारा 125(4) के अंतर्गत उसे भरण पोषण मांगने का अधिकार नहीं रह जाता है.