मेरे बहन का पति झूठे साक्ष्य एकत्र कर रहा है जिससे की वो अपने आप को हत्या के मुक़दमे में बचा सके। उसने दिनाँक १८ मार्च २०१४ को अपने पत्नी की हत्या कर दी। उसका अपने मित्र की पत्नी से अबैध सम्बन्ध था। वो उसपर काफी पैसा लूटता था। उसको अपने घर में भी रखता था। उसका दोस्त भी सेना में सिपाही था और वो दुसरे जगह तैनात था।वो मेरी बहन तो अपने घर पर छोड़ देता था और कभी भी साथ रखने को तैयार नहीं था। मेरे बहन के स्वसुर को ये बात पता चला तो वो मेरे बहन को अनपे साथ लेकर बेटे के पास गए। उसे काफी डाँटा – समझाया, काफी दबाव बनाने पर वो मेरे बहार को साथ रखने को तैयार हो गया।
किन उसके ४ महीने बाद १८ तारीख की रात को मार डाला। मेरे पिता ने FIR लिखाया। मुक़दमे की पैरवी में वो कुछ झूठे सबूत ले आया है , की उस रात वो मिलिट्री अस्पताल में भर्ती था, उसका इलाज चल रहा था आदि। वो सेना में है तो हो सकता है की वो और भी सबूत ले आये और बच जाये। ऐसे में क्या मुझे न्याय मिलेगा ?
Accused तो प्रयास करता है की वो किसी तरह बच जाये। लेकिन अंत में न्याय तो मिलता ही है। आपके केस में कुछ तथ्य है जो आपको पूरा न्याय दिलाएंगे। आपकी बहन की मृत्यु औसे पति के घर में हुआ है। और उनके पति ही हत्या का अभियुक्त है। ऐसे में अभियुक्त को धारा १०६ साक्ष्य विधि के तहत साबित करना पड़ेगा की कैसे उसकी पत्नी की मृत्यु हुई। उसने आत्महत्या किया या हादसे से मरी। postmortem रिपोर्ट से पता चल जाता है की मृत्यु का कारन क्या है।
Postmortem में दिए गए डॉक्टर के राय का न्यायालय द्वारा उपधारणा किया जायेगा। यदि डॉक्टर की राय है की हत्या किया गया था तो उसको नासाबित करने का भर अभियुक्त पर आ जायेगा। यदि वो साबित नहीं नहीं कर पाता है तो उपधारणा किया जायेगा की उसने हत्या किया है क्योकि वो उस समय घर पर उपस्थित था।
- अस्पताल में भर्ती वाले तथ्य को साबित करने का कारण साक्ष्य विधि की धारा ११ के द्वारा ये साबित करना है की वो घटना वाले स्थान पर नहीं था। जिसको साबित करना इतना आसान नहीं है। वो दिखाना चाहता है की घटना के दिन वो अस्पताल में भर्ती था तो केवल कहने मात्र से बात नहीं बनेगा। उसे साबित करना पड़ेगा कीकिस डॉक्टर से इलाज हुआ था
- उसे कौन सी बीमारी थी और क्या उस बीमारी में भर्ती करना आवश्यक था
- किस डॉक्टर ने भर्ती होने को लिखा थाकौन सी दवा दी गयी थी
- उस समय अस्पताल में और कौन से मरीज भर्ती थे, उनका भी बयान होगा।
यदि वो भर्ती नहीं था तो साबित करना आसान नहीं होगा। उसे ढेर सारे झूठे सबूत लाना पड़ेगा जो वो नहीं ला पाएगा । अंत में आपको न्याय जरूर मिलेगा।